छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में HMPV का ये पहला मामला

छत्तीसगढ़ में HMPV पहला मामला तीन साल के बच्चे को हुआ है HMPV का वायरस
बिलासपुर में तीन साल के बच्चे का रिपोर्ट आया पॉजिटिव
बच्चा बिलासपुर के अपोलो हॉस्पिटल के आईसीयू में है भर्ती स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप बिलासपुर और कोरबा जिले में अलर्ट जारी छत्तीसगढ़ में HMPV का ये पहला मामला

HMPV वायरस: पूरी जानकारी और बच्चों को सुरक्षित रखने के उपाय1

1. HMPV वायरस क्या है?

HMPV (Human Metapneumovirus) एक श्वसन (respiratory) वायरस है जो सर्दी-जुकाम से लेकर गंभीर निमोनिया तक का कारण बन सकता है।

यह विशेष रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है।

2. HMPV संक्रमण के लक्षणलक्षण विशेषताएं:

हंपीवी वायरस के लक्षण हल्के से मध्यम और कभी-कभी गंभीर भी हो सकते हैं। हल्के लक्षण: नाक बहना हल्का बुखार खांसी छाती की खराश मध्यम लक्षण: तेज बुखार थकान घरघराहट wheezing (difficulty breathing) गंभीर लक्षण (ब्रोंकियोलाइटिस या निमोनिया के खतरे का) तेज और कठोर श्वास लेना ऑक्सीजन की कमी से त्वचा का रंग नीला पड़ना अधिक ज्यादा कमजोरी और आलस्य

3. HMPV संक्रमण कैसे फैलता है?

HMPV वायरस आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है, जैसे:खांसने या छींकने से निकलने वाली बूंदों के ज़रिएसंक्रमित सतहों (जैसे खिलौने, डोर हैंडल) को छूने और फिर मुंह, नाक या आंखें छूने सेसंक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क (जैसे गले लगाना या हाथ मिलाना)

4. बच्चों को HMPV से बचाने के उपायछोटे बच्चों को HMPV वायरस से बचाने के लिए निम्नलिखित सावधानियां अपनानी चाहिए:

✅ साफ-सफाई का ध्यान रखें:बच्चों को नियमित रूप से हाथ धोने की आदत डालें।साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं।

खिलौनों और उन सतहों को साफ करें जिन्हें बच्चे छूते हैं।✅ संक्रमित लोगों से दूरी बनाए रखें:अगर किसी को खांसी-जुकाम है, तो बच्चों को उनसे दूर रखें।बीमार लोगों को मास्क पहनने की सलाह दें।

✅ मुंह और नाक को ढककर रखें:बच्चों को सिखाएं कि वे खांसते या छींकते समय रूमाल या कोहनी का उपयोग करें।इम्यूनिटी मजबूत करें:बच्चों को पौष्टिक आहार दें जिसमें विटामिन C और D भरपूर मात्रा में हो।उन्हें पर्याप्त नींद लेने दें और शारीरिक रूप से सक्रिय रखें।

ताजी हवा और वेंटिलेशन:घर को हवादार रखें ताकि ताजी हवा आती रहे।भीड़-भाड़ वाले और बंद जगहों से बचें, खासकर फ्लू के मौसम में।✅ टीकाकरण और डॉक्टर से परामर्श:HMPV के लिए कोई विशेष वैक्सीन उपलब्ध नहीं है, लेकिन बच्चों को अन्य श्वसन संक्रमण से बचाने के लिए नियमित टीकाकरण कराएं।यदि बच्चे को सांस लेने में कठिनाई हो रही है, बुखार बहुत बढ़ रहा है, या अत्यधिक सुस्ती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।5. HMPV वायरस का इलाजइस वायरस का कोई विशेष एंटीवायरल इलाज नहीं है।डॉक्टर लक्षणों के आधार पर इलाज देते हैं, जैसे कि बुखार के लिए पैरासिटामोल या सांस की दिक्कत के लिए नेबुलाइज़र।घर पर बच्चे को आराम दें, खूब तरल पदार्थ पिलाएं, और कमरे में नमी बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें।निष्कर्षHMPV वायरस बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है, लेकिन सही सावधानियां बरतकर इससे बचा जा सकता है। स्वच्छता, दूरी, अच्छी इम्यूनिटी और समय पर मेडिकल सलाह से संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है।

yogiramsahu86@gmail.com

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